Instead of being jack of all trades and master of none, be master of one trade and jack of none!
बेंजामिन जी का ये ये वाक्य सत्-प्रशितत सही हैं. सफलता का मतलब हैं एक उदेश्यपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते रहना. फिर भी कुछ चीज़ें एसी हैं जिन्हे समझना ज़रूरी होता हैं...नीचे में अपने अनुभव जो की सफलता से ही संबधित हैं, आप लोगो के साथ बाट रहा हूँ.....
(Mr. Benjamin is absolutely right! Perseverance in chasing a purposeful objective/goal is the ulterior mantra of getting success. However, there are something important we need to understand…below mentioned are my long-held success related experiences, which I am going to share with you…)
ज़्यादातर लोगो को प्राब्लम होती हैं की उन्हे वांच्छित सफलता नही मिलती तो आख़िर उसके पीछे कारण क्या हैं? जैसा की होता आया हैं...लोग खुद में ना झाँककर, परिस्थत्ती को दोष देते हैं और फिर भाग्य और भगवान को. वैसे मेने निसकर्ष निकाला हैं की कोई भी चीज़...चाहे जो भी हो...तभी तक नही मिलती हैं जब तक हम मन लगाके उसे पाने का संपूर्ण प्रयत्न नही करते. जिस दिन हम ठानले की हमे कोई चीज़ पाना हैं तो वो अवश्य मिलेगे..एसा मेरा विश्वास हैं.
(Most people whimper over not getting desired success in life. So, what ulterior force works behind it? Typically, the failure ones are in the habit of passing the buck…either on their destiny or God rather than introspecting inward to figure out the root cause of the failure. To my mind, nothing seems impossible to achieve until and unless we pour our 100% dedication and efforts in the context of achieving desired success. I firmly believe that success is not difficult to get unless we are hell-bent on it.)
तो फिर ये ठानना क्या बाला हैं?
(So, what about being hell-bent after all?)
दर्शल इसका मतलब ये हैं की आप कितने लगंशील हो किसी चीज़ को पाने के लिए. मान लो की आप बॉडी बनाना चाहते हो मगर धरातल पे आपके ये सोच सिर्फ़ और सिर्फ़ कोरी गप्प मानी जाएगी जब तक की आप उसके लिए संपूर्ण रूपेण समय और खुद को समर्पित ना कर दो. अतः अच्छी बॉडी पाने के लिए आपको उसपे समय देना होगा. मन लगाना होगा और वो सारी चीज़ पूरी करनी होगी जो अच्छी बॉडी के लिए दरकार होती हैं.
(Well, being hell-bent symbolizes your indomitable will power and passion towards getting your set goal. For instance, if bodybuilding is your desire to get good physique, it would just end up being a pipe-dream until you devote time and yourself to it. Good physique demands time and dedication and compliance with all those factors pertaining to the accomplishment of well-built body.)
किसी ने कहा हैं की जब आप किसी चीज़ को सच्चे मन से पाने की कोशिश करते हो तो सारी कायानत उसे पूरा करने में जुट जाती हैं....तो फिर आख़िर एसी कौन सी चीज़ हैं जो आपके दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे धराशाई ना हो. अवश्य होगी...आप करिए तो सही.
(Someone genius said the whole cosmic power comes to your rescue to materialize your dream of what you desire by heart. …..so no obstacles would ever dare stop your way to get the set goal. Just make sure you are armed with resolute mind, strong will power and a never-fading attitude (constancy) towards your goal.)
समय और मन दोनो ज़रूरी हैं किसी चीज़ को पाने के लिए. अच्छी बॉडी की लिए समय और मन दोनो दो. अगर भगवान को पाना चाहते हो तो फिर उसी में लग जाओ और बाकी चीज़ पे से ध्यान हटा लो. अगर अच्छा लेखक बनना चाहते हो तो फिर सारी चीज़ भूल जाओ और सिर्फ़ और सिर्फ़ उसी पे मेहनत करो. अगर ज़्यादा धन कामना है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ उसी के बारे में सोचो. तात्पर्य ये हैं की किसी भी सफलता की सुरुआत आदमी के आदम्या साहस और इच्छाशक्ति के द्वार से होके निकलती हैं.
(Both, time and dedication are essential tools to achieve set goal in life. For good body, devote time and dedication…for divinity; devote all your attentions, time and dedications to the divine path. If you want to be a good writer, forget everything, just concentrate and put your best-self to it. If you desire to be rich, think like a rich man. Conclusively, success sources from one’s strong and indomitable will power.)
आप ये कह लीजिए की अगर आपको किसी चीज़ में सफल होना हैं तो फिर भूल जाओ बाकी चीज़ों को और सिर्फ़ उसी पे ध्यान केंद्रित करो. कभी सुना हैं दो नौको पे सवार व्यक्ति कभी किनारे पे आता हैं? नही!!! तो फिर जो लक्ष्य निर्धारित किया हैं उसी पे अमल ना करके क्यों बेकार के चीज़ों में अपना समय और धन व्यर्थ करते हो?
(Success, in a nut cell, is having a one-track minded view towards the set goal without concentrating on other things. The one aboard on two boats heading towards the coast seldom reaches there safely. So, why wasting your time and money on inessential things rather than trying your level best to achieve the set goal of your life?)
सफलता मिलेगी और ज़रूर मिलेगी मगर उसके लिए सतत प्रयास और समर्पण दोनो ज़रूरी हैं.
(You’ll get success…..and definitely you will!)
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका अभारी हूँ.. आपके अमूल्य टिप्पणी का हार्दिक अभिनंदन रहेगा.
(Thank you very much for sparing your valuable time to read the post. Your comments will highly be appreciated)
विनीत,
(Courtesy)
पवन कुमार (Pawan Kumar)
बेंजामिन जी का ये ये वाक्य सत्-प्रशितत सही हैं. सफलता का मतलब हैं एक उदेश्यपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते रहना. फिर भी कुछ चीज़ें एसी हैं जिन्हे समझना ज़रूरी होता हैं...नीचे में अपने अनुभव जो की सफलता से ही संबधित हैं, आप लोगो के साथ बाट रहा हूँ.....
(Mr. Benjamin is absolutely right! Perseverance in chasing a purposeful objective/goal is the ulterior mantra of getting success. However, there are something important we need to understand…below mentioned are my long-held success related experiences, which I am going to share with you…)
ज़्यादातर लोगो को प्राब्लम होती हैं की उन्हे वांच्छित सफलता नही मिलती तो आख़िर उसके पीछे कारण क्या हैं? जैसा की होता आया हैं...लोग खुद में ना झाँककर, परिस्थत्ती को दोष देते हैं और फिर भाग्य और भगवान को. वैसे मेने निसकर्ष निकाला हैं की कोई भी चीज़...चाहे जो भी हो...तभी तक नही मिलती हैं जब तक हम मन लगाके उसे पाने का संपूर्ण प्रयत्न नही करते. जिस दिन हम ठानले की हमे कोई चीज़ पाना हैं तो वो अवश्य मिलेगे..एसा मेरा विश्वास हैं.
(Most people whimper over not getting desired success in life. So, what ulterior force works behind it? Typically, the failure ones are in the habit of passing the buck…either on their destiny or God rather than introspecting inward to figure out the root cause of the failure. To my mind, nothing seems impossible to achieve until and unless we pour our 100% dedication and efforts in the context of achieving desired success. I firmly believe that success is not difficult to get unless we are hell-bent on it.)
तो फिर ये ठानना क्या बाला हैं?
(So, what about being hell-bent after all?)
दर्शल इसका मतलब ये हैं की आप कितने लगंशील हो किसी चीज़ को पाने के लिए. मान लो की आप बॉडी बनाना चाहते हो मगर धरातल पे आपके ये सोच सिर्फ़ और सिर्फ़ कोरी गप्प मानी जाएगी जब तक की आप उसके लिए संपूर्ण रूपेण समय और खुद को समर्पित ना कर दो. अतः अच्छी बॉडी पाने के लिए आपको उसपे समय देना होगा. मन लगाना होगा और वो सारी चीज़ पूरी करनी होगी जो अच्छी बॉडी के लिए दरकार होती हैं.
(Well, being hell-bent symbolizes your indomitable will power and passion towards getting your set goal. For instance, if bodybuilding is your desire to get good physique, it would just end up being a pipe-dream until you devote time and yourself to it. Good physique demands time and dedication and compliance with all those factors pertaining to the accomplishment of well-built body.)
किसी ने कहा हैं की जब आप किसी चीज़ को सच्चे मन से पाने की कोशिश करते हो तो सारी कायानत उसे पूरा करने में जुट जाती हैं....तो फिर आख़िर एसी कौन सी चीज़ हैं जो आपके दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे धराशाई ना हो. अवश्य होगी...आप करिए तो सही.
(Someone genius said the whole cosmic power comes to your rescue to materialize your dream of what you desire by heart. …..so no obstacles would ever dare stop your way to get the set goal. Just make sure you are armed with resolute mind, strong will power and a never-fading attitude (constancy) towards your goal.)
समय और मन दोनो ज़रूरी हैं किसी चीज़ को पाने के लिए. अच्छी बॉडी की लिए समय और मन दोनो दो. अगर भगवान को पाना चाहते हो तो फिर उसी में लग जाओ और बाकी चीज़ पे से ध्यान हटा लो. अगर अच्छा लेखक बनना चाहते हो तो फिर सारी चीज़ भूल जाओ और सिर्फ़ और सिर्फ़ उसी पे मेहनत करो. अगर ज़्यादा धन कामना है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ उसी के बारे में सोचो. तात्पर्य ये हैं की किसी भी सफलता की सुरुआत आदमी के आदम्या साहस और इच्छाशक्ति के द्वार से होके निकलती हैं.
(Both, time and dedication are essential tools to achieve set goal in life. For good body, devote time and dedication…for divinity; devote all your attentions, time and dedications to the divine path. If you want to be a good writer, forget everything, just concentrate and put your best-self to it. If you desire to be rich, think like a rich man. Conclusively, success sources from one’s strong and indomitable will power.)
आप ये कह लीजिए की अगर आपको किसी चीज़ में सफल होना हैं तो फिर भूल जाओ बाकी चीज़ों को और सिर्फ़ उसी पे ध्यान केंद्रित करो. कभी सुना हैं दो नौको पे सवार व्यक्ति कभी किनारे पे आता हैं? नही!!! तो फिर जो लक्ष्य निर्धारित किया हैं उसी पे अमल ना करके क्यों बेकार के चीज़ों में अपना समय और धन व्यर्थ करते हो?
(Success, in a nut cell, is having a one-track minded view towards the set goal without concentrating on other things. The one aboard on two boats heading towards the coast seldom reaches there safely. So, why wasting your time and money on inessential things rather than trying your level best to achieve the set goal of your life?)
सफलता मिलेगी और ज़रूर मिलेगी मगर उसके लिए सतत प्रयास और समर्पण दोनो ज़रूरी हैं.
(You’ll get success…..and definitely you will!)
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका अभारी हूँ.. आपके अमूल्य टिप्पणी का हार्दिक अभिनंदन रहेगा.
(Thank you very much for sparing your valuable time to read the post. Your comments will highly be appreciated)
विनीत,
(Courtesy)
पवन कुमार (Pawan Kumar)
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